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नाग पंचमी के दिन ऐसे करें पूजा

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नाग हमारी हिन्दू संस्कृति में बहुत महत्व रखते हैं | इसलिए हर श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि के दिन नाग को समर्पित नाग पंचमी (Naag Panchami 2019) का त्यौहार मनाया जाता है | मान्यता है की इस दीन नाग का दर्शन होना अति शुभ माना जाता है | इस बार नाग पंचमी का त्यौहार 5 अगस्त, 2019 के दिन मनाया जायेगा | नाग की पूजा सिर्फ धार्मिक कारणों से ही नही बल्कि ज्योतिष कारणों से भी किया जाता है | नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष दूर होता है | यह दोष का पीड़ित व्यक्ति शारीरिक और आर्थिक समस्या के साथ साथ संतान सम्बन्धी परेशानी का सामना भी करना पढ़ता है | अब आप यह जानिए की नाग पंचमी (Naag Panchami 2019) के दिन किस विधि से करें नाग की पूजा | सबसे पहले प्रातः उठ कर स्नान अदि से निवृत हो जाएँ और इस दिन व्रत का संकल्प लेते हुए विधि विधान से नाग देवता की पूजा करें | नाग देवता को भोग सेवईं और चावल से चढ़ाएं | नाग देवता को सुगन्धित पुष्प प्रिय हैं इसीलिए पूजा के वक्त नाग देवता को सुगन्धित पुष्प ज़रूर चढ़ाएं | नाग पंचमी  (Naag Panchami 2019)  कथा बहुत समय पहले एक किसा

मानसिक शांति आत्मविश्वास के लिए धारण करें चंद्र यंत्र

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कुंडली (Horoscope) में चंद्र वह ग्रह है जो सबसे अधिक गति से चलता है | चंद्र हमारी कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है और मन का कारक होता है | यह आपका मन (Mind) और भावनाएं ( Emotions ) के साथ ही मस्तिष्क ,बुद्धिमता (Intelligence) ,स्वभाव, रोगों, गर्भाशय इत्यादि दर्शाता है | अगर आपकी कुंडली में   चंद्र ग्रह कमज़ोर हो   तो इन सभी की का सामना करना पढ़ता है | अगर आप आत्मविश्वास (Self Confidence) की कमी या डिप्रेशन (Depression) के शिकार हैं या अगर आप अपना कोई मकान या भूमि नहीं खरीद पा रहे हैं तो इसका कारण है आपकी कुंडली में चंद्र (Chandra) ग्रह का कमज़ोर होना | इसके लिए आपको अभी ऑर्डर करना होगा आचार्य इंदु प्रकाश जी (Acharya Indu Prakash Ji) की देख रेख में सिद्ध किया गया चंद्र यंत्र (Chandra Yantra) | श्री चंद्र यंत्र का नितमित पूजन आपको बहुत लाभ प्रदान करेगा | – अगर आप चंद्र यंत्र (Chandra Yantra) का पूजन कर इसकी स्थापना करते हैं तो यह आपके मन को शांति देगा और साथ ही आपका मानसिक स्वास्थ अच्छा रहेगा | – यह आपके व्यक्तित्व (Personality) को निखारने का काम करता है | – आपकी कुंडली

क्या है चातुर्मास ? इस दौरान क्यों नही करते कोई शुभ कार्य ?

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15 जुलाई, 2019 से से चार महीने का पर्व यानि चातुर्मास (Chaturmas 2019) शुरु होगा | माना जाता है की इन महीनों में व्रत और पूजा कर विशेष फल प्राप्त होता है | यह पर्व सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक महीनों के दौरान मनाया जाता है |देव शयन एकादशी से शुरू होने वाला चातुर्मास कार्तिक के देव प्रबोधिनी एकादशी तक मनाया जाता है | चातुर्मास (Chaturmas 2019) के दौरान विवाह, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करना वर्जित होता है | माना जाता है की अषाढ़ के महीने में ही भगवान विष्णु ने अपने वामन रूप में राजा बलि से तीन पग में सारी सृष्टी दान में ले ली थी | उन्होंने राजा बलि को पाताल लोक की रक्षा करने का वचन दिया था | फलस्वरूप श्री हरि अपने समस्त स्वरूपों से राजा बलि के राज्य की पहरेदारी करते हैं. इस अवस्था में कहा जाता है कि भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं | चातुर्मास (Chaturmas 2019) के दौरान खान-पान में बदलाव भी किया जाते हैं | इस वक्त हमें जल का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए | चातुर्मास (Chaturmas 2019) के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप आचार्य इंदु प्रकाश जी से मील सकते हैं |

Vastu tips for mirror placing in homes

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वास्तु के हिसाब से आईने लगाने का महत्व आईने का प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं। सजने सवरने और खुद को निहारने के लिए हम दिन में कई बार आईना देखते हैं। इसलिए हम अपनी सहुलियत के अनुसार   आईने को   घर में कहीं भी लगा देते है। मगर भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण घर में सकारात्मक उर्जा को बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। इसलिए आईने को घर में सही जगह लगाने से हमें सुख और शांति मिलती है। इससे एक सकारात्मक उर्जा भी पैदा होती है। आइना कहां लगाना चाहिए और कहां नहीं इस संबंध में विद्वानों और वास्तुशास्त्रियों द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदू बताए गए हैं। जिनका पालन करके हम अपने घर के सुखों में वृद्धि कर सकते हैं। v आईने को हमेशा उत्तर अथवा पूर्व की दिशा की दिवार पर लगाना चाहिए यह लाभदायक होता है। v घर में नुकिले आकार के आईने नहीं लगना चाहिए इससे हानि होती है। v आवासीय भवन अथवा व्यावसायिक भवन में दक्षिण , पश्

An astrologer is a person who predicts the future by understanding the position of planet

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An astrologer is a person who predicts the future by understanding the position of planet, sun and moon in the birth chart of an individual. Usually, an astrologer creates a horoscope for the time of the event, such as an individual’s birth and interprets individual’s birth and interpreters the individual celestial points and their placement at the time of birth. The working criteria of astrologers may vary. But the World’s best astrologer keeps the knowledge of astrology and understands well that its principle is mapping of the individual with the cosmos, all parts of which are interrelated with each other. Astrological chart depicts a map of universe at the time of birth, focusing the individual at its centre, with the sun, moon and other celestial bodies considered to be that person’s personal planets or stars which are uniquely relevant to that person alone. Although different culture shares common root of astrology, every astrologer has its own approach. The worl

कारोबार में सफलता व निसंतान जोड़ो के लिए बन रहा है एक अदबुद्ध योग।

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26 मई 2018 को एक अद्बुध योग बन रहा है जिसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है जिसका ज्योतिष विज्ञान में एक अनूठा महत्त्व है। जैसा की इस व्रत का नाम है शनि प्रदोष व्रत तो यह व्रत शनिवार के दिन पड़ेगा और शनि से परेशान लोगो के लिए एक वरदान स्वरुप साबीत होगा। इस दिन शनि से परेशान लोग शनि यंत्र को धारण करके अपनी सभी परेशानियों से निजात पा सकते है। कौन और क्यों पहने यह यंत्र ? 1.  मुकदमा जिन लोगो के ऊपर किसी प्रकार का मुकदमा चल रहा है या आये दिन कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे है उन लोगो को शनि यंत्र मुक़दमे में जीत की तरफ ले जाने म सहायक होता है। 2.  नौकरी जो लोग छोटे काम करते है और जिन्हे बहुत परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिलती उन लोगो को भी शनि का यंत्र धारण करके अपनी परेशानी से निजात पानी चाहिए। 3.  कारोबार में सफलता यदि आपको आपके कारोबार में सफलता नहीं मिल पा रही या काम होते होते खराब हो जाते है