जानिए कैसे बना देता है शनि एक आम व्यक्ति को राजनेता।




भारतीय वैदिक ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह को पंच तारा ग्रहों में न्याय कारक ग्रह का माना गया है। राजनीति में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान है।वर्तमान समय में लोग शनि का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं| और अपने हर प्रकार के कार्यों में खुद के सोचने से विघ्न उत्पन्न कर लेते हैं। क्योंकि  मन में एक ही बात चलती रहती है की शनि जन्मकुंडली में कहीं बुरा प्रभाव तो नहीं दे रहा | मानव जीवन में शनि का प्रभाव बुरा ही नहीं अपितु शुभ भी होता हैशनि ग्रह अन्य सभी ग्रहों से भी अच्छा फल देता है जो की जातक को गरीबी से उठा कर एक उच्च पद तक पहुंचा देता हैशनि का राजनीती से बहुत बड़ा सम्बन्ध है शनि को वक्ता ग्रह ( अधिक बोलने वाला ) भी माना गया है। राजनैतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए वाचाल  शक्ति का होना आवश्यक है जो की शनि प्रदान करता है। यदि शनि का हमारे जीवन में एक शुभ प्रभाव है तो शनि हमको उचाईयों तक पहुंचा देता हैशनि महाराज को काल पुरुष का दण्डाधिकारी कहा गया है| सदैव कर्मक्षेत्र पर शनि ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। शनि ग्रह अत्यधिक धनवान वाले व्यक्ति को भी कर्म से जोड़े रखता है और व्यक्ति को कर्मनिष्ठ बना देता हैसमाज,संगठन, समिति तथा निचले स्तर के लोगो पर शनि का विशेष प्रभाव रहता है।शनि कालपुरुष यानि मानव जीवन का दुख ग्रह भी माना गया है| जन्मकुंडली मे शनि के अशुभ मात्र से आदमी का जीवन दुखद हो जाता है और यही ग्रह सुधरने से जीवन खुशियों से भर देता है। राजनीति में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान है। शनि के अद्भुत शुभ प्रभाव से ही सम्पूर्ण चाराचर जगत में अन्याय से बच कर न्याय के निर्माण व उन्हें लागू करने की क्षमता व्यक्ति के हृदय में स्वतः ही आजाति है। शनि एक ऐसा ग्रह है जो जातक को रंक से राजा व राजा से रंक भी बना देता है।शनि ग्रह यदि किसी भी जातक की जन्मकुंडली के प्रथम घर में शुभ अवस्था में विराजित हो तो व्यक्ति को एक राजनेता बना देता है। ऐसे लक्षण व्यक्ति पर बचपन से दिखने लग जाते है। ऐसे हमारे पूरे विश्व में काई उदाहरण है जो हमारे सामने पत्यक्ष है। विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य इन्दु प्रकाश जी द्वारा जन्मकुंडली में राजनीति का प्रमुख दशमभाव माना जाता है। परंतु अन्य आचार्यों के अनेक मत भी है ।


यदि किसी भी जातक का जन्मकुंडली के दशमभाव से शनि का  मित्र संबंध हो  तो राजनीति में योग्यता स्थान प्राप्त कराता है। जन्मकुंडली में  शनि का संबंध छठे,सातवें,दशवें व ग्यारहवें भाव से देखा गया है। छठे भाव को सेवा का भाव कहते हैं। व्यक्ति में सेवा भाव होने के लिए इस भाव से दशम या दशमेश का संबंध होना चाहिए। व्यक्ति सफल राजनीतिज्ञ बनेगा या नहीं इसका बहुत कुछ उसके जन्मकालिक ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। अन्य व्यवसायों एवं करियर की भांति ही राजनीति में प्रवेश करने वालों की कुंडली में भी ज्योतिषीय योग होते हैं। दशम भाव में उच्च, मूल त्रिकोण या स्व-राशिगत ग्रह के बैठने से व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में बल प्रदान होता है विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य इन्दु प्रकाश जी द्वारा शनि को एक श्रेष्ठ ग्रह का स्थान दिया है जो व्यक्ति को एक न्याय का मार्ग प्रदान कराता है। सदमार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। यदि आप अपनी जन्मकुंडली के अनुसार शनि ग्रह जुड़े कोई भी सवाल जानना चाह्ते हो तो सम्पर्क कर सकते हैं ।  

किसी परामर्श या आचार्य इंदु प्रकाश जी से मिलने हेतु संपर्क करे 9582118889
For Daily Horoscope & Updates Follow Me on Facebook

Comments

Popular posts from this blog

Acharya Indu Prakash Contact Number

जानिए कब और कैसे बनाता है जेल यात्रा का योग ।

जानिए जन्मकुंडली के साथ नवमांश कुंडली भी कैसे बताती है व्यक्ति के जीवन काल को ।