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कारोबार में सफलता व निसंतान जोड़ो के लिए बन रहा है एक अदबुद्ध योग।

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26 मई 2018 को एक अद्बुध योग बन रहा है जिसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है जिसका ज्योतिष विज्ञान में एक अनूठा महत्त्व है। जैसा की इस व्रत का नाम है शनि प्रदोष व्रत तो यह व्रत शनिवार के दिन पड़ेगा और शनि से परेशान लोगो के लिए एक वरदान स्वरुप साबीत होगा। इस दिन शनि से परेशान लोग शनि यंत्र को धारण करके अपनी सभी परेशानियों से निजात पा सकते है। कौन और क्यों पहने यह यंत्र ? 1.  मुकदमा जिन लोगो के ऊपर किसी प्रकार का मुकदमा चल रहा है या आये दिन कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे है उन लोगो को शनि यंत्र मुक़दमे में जीत की तरफ ले जाने म सहायक होता है। 2.  नौकरी जो लोग छोटे काम करते है और जिन्हे बहुत परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिलती उन लोगो को भी शनि का यंत्र धारण करके अपनी परेशानी से निजात पानी चाहिए। 3.  कारोबार में सफलता यदि आपको आपके कारोबार में सफलता नहीं मिल पा रही या काम होते होते खर...

18 अप्रैल को हो रहा है शनि वक्री कर सकता है इन पाँच राशि वालों को प्रभावित।

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इस वर्ष 18 अप्रैल 2018 (बुधवार) को सुबह 7.10 बजे शनि धनु राशि में वक्री हो रहे हैं। शनि ग्रह की वक्र गति 6 सितंबर 2018 (गुरुवार) को सायं 05.02 बजे तक रहेगी उसके बाद धनु राशि में ही शनि वक्री से मार्गी हो जाएंगे। इस तरह कुल 142 दिन शनि वक्री रहेंगे जिसका सभी राशियों पर न्यूनाधिक असर पड़ेगा। जिन राशियों को शनि की ढैय्या अथवा साढ़े साती अथवा महादशा चल रही हैं, वो शनि की इस वक्र गति से सर्वाधिक प्रभावित होंगे। पंडित लक्ष्मीनारायण शर्मा के अनुसार शनि का वक्री होना भी कई राशियों के लिए बहुत ही शुभ रहने वाला है तो जानिए वक्री शनि किन राशियों के लिए शुभ और अशुभ रहेंगे। मेष - गोचर के अनुसार शनि के मेष राशि से नवम भाव में स्थित होने के कारण यह समय कठिन रहने वाला है। इस समय कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन धैर्य रखें और प्रयास करते रहें, शनि की क्रूर दृष्टि के चलते आपकी प्रगति की रफ्तार धीमी रहेगी और नित नई उलझनों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन इस वर्ष आप अपने सभी विरोधियों पर भारी पड़ेंगे और उन्हें आपके आगे हार माननी होगी। वृषभ- गोचर कुंडली के अनुसार शनि आठवें भाव में...

जानिए कैसे बना देता है शनि एक आम व्यक्ति को राजनेता।

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भारतीय वैदिक ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह को पंच तारा ग्रहों में न्याय कारक ग्रह का माना गया है। राजनीति में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान है।वर्तमान समय में लोग शनि का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं | और अपने हर प्रकार के कार्यों में खुद के सोचने से विघ्न उत्पन्न कर लेते हैं। क्योंकि  मन में एक ही बात चलती रहती है की शनि जन्मकुंडली में कहीं बुरा प्रभाव तो नहीं दे रहा | मानव जीवन में शनि का प्रभाव बुरा ही नहीं अपितु शुभ भी होता है |  शनि ग्रह अन्य सभी ग्रहों से भी अच्छा फल देता है जो की जातक को गरीबी से उठा कर एक उच्च पद तक पहुंचा देता है |  शनि का राजनीती से बहुत बड़ा सम्बन्ध है शनि को वक्ता ग्रह ( अधिक बोलने वाला ) भी माना गया है। राजनैतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए वाचाल  शक्ति का होना आवश्यक है जो की शनि प्रदान करता है। यदि शनि का हमारे जीवन में एक शुभ प्रभाव है तो शनि हमको उचाईयों तक पहुंचा देता है |  शनि महाराज को काल पुरुष का दण्डाधिकारी कहा गया है | सदैव कर्मक्षेत्र पर शनि ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। शनि ग्रह अत्यधिक धनवान वाले व्यक्ति को भी कर्म ...